Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2024 · 1 min read

फौज

फौज
ये लफ्ज़ कभी कभी बहुत डरावना लगने लगता है
खासकर तब
जब
सेन्य टुकड़ियां किसी तानाशाह के दबाव में
कुचल देती हैं
बेकसूर नागरिकों के हितों को
और सम्मान में लिखतीं हैं
हमारी सेना विश्व की सबसे पेशेवर सेना है
उस वकत
इस लफ्ज़ के सारे मायने बदल जाते हैं
मारूफ आलम

Language: Hindi
151 Views

You may also like these posts

मैं जिन्दगी में
मैं जिन्दगी में
Swami Ganganiya
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
4587.*पूर्णिका*
4587.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाज
बाज
लक्ष्मी सिंह
घनाक्षरी
घनाक्षरी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रिश्ता गहरा आज का,
रिश्ता गहरा आज का,
sushil sarna
लफ़्ज़ों में आप जो
लफ़्ज़ों में आप जो
Dr fauzia Naseem shad
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
स्थिरप्रज्ञ
स्थिरप्रज्ञ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
उत्तराधिकार
उत्तराधिकार
Shashi Mahajan
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जीवन निर्झरणी
जीवन निर्झरणी
Jai Prakash Srivastav
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
..
..
*प्रणय*
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
The Rising Sun
The Rising Sun
Buddha Prakash
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
*अविश्वसनीय*
*अविश्वसनीय*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*
*"गणतंत्र दिवस"*
Shashi kala vyas
वीरान जाने
वीरान जाने
Kunal Kanth
रोला
रोला
seema sharma
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
Sakshi Singh
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
डॉ. दीपक बवेजा
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
मै (अहम) का मै (परमात्मा) से साक्षात्कार
मै (अहम) का मै (परमात्मा) से साक्षात्कार
Roopali Sharma
Loading...