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30 Jun 2019 · 1 min read

फेरे ले कर सात

हुए वर्ष बत्तीस पर,लगती कल की बात I
लाया था अनजान को, .लेकर फेरे सात II

प्रिय: वर्ष बत्तीस वे,…….पूर्ण हुए हैं आज I
वैवाहिक विश्वास का, जब पहना था ताज II

मिले नेह के तार तो, बनी हमारी बात I
वर्ष हुए बत्तीस अब , लेकर फेरे सात II

अद्भुत है यह प्रेम का, बंधन बहुत अपार ।
हुए वर्ष बत्तीस पर, घटा न कण भर प्यार।।

जोड़े हैं भगवान ने,……. ऐसे दिल के तार ।
दिन-दिन बढ़ता जा रहा, और हमारा प्यार।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 478 Views
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