फूल
फूल
डाली डाली पर तथा , गाँठ – गाँठ पर सूल
फिर भी उनके बीच में , खिले हुए हैं फूल
खिले हुए हैं फूल , फूल हैं गंध लुटाते
जो भी जाते पास , महक सारे सुख पाते
जितना पता सींच रहा पौधे को माली
उतना मिले सुगंध उसे जो काटे डाली