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29 Aug 2016 · 1 min read

फूल प्रेम के अगर यहाँ तो बैर भाव के काँटे भी हैं

फूल प्रेम के अगर यहाँ तो बैर भाव के काँटे भी हैं
कहीं चुभे न हमें ही आकर यही सोच ये छाँटे भी हैं
ताकत है परिवार हमारा रिश्तों बिन सूना है जीवन
सुख में बाधा बने कभी तो दुख अपनों ने बाँटे भी है
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
379 Views
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