फूल की ललक
फूल की अरमान है कि भगवान की चरणों में रह सखे।
फूल की प्रीति है कि प्रेम की माला बन सखे।
फूल की चाह है कि वीरों के शरीर पर रह सखे।
फूल की इच्छा है कि सुगंध से विश्व को स्वागत दे सखे।
फूल की आकांशा है कि खिल खिल से विश्व को शांति रख सखे।
फूल की अभिलाषा है कि अपना जीवन व्यर्थ न हो सखे।
जि. विजय कुमार
हैदराबाद, तेलंगाना