फूल और प्यार।
फूल और प्यार।
उजड़ गया है चमन,
फूल मुरझाने लगे हैं।
अब तो बहारों में भी,
वीराने मुस्कुराने लगे हैं।
फूल तो होते हैं प्रेमी,
बिन प्रेम टूट जाते हैं।
बिन प्रेमी श्वास के,
रूठ जाते हैं।
फूल होते अक्स प्यार के,
प्यार से ही खिल जाते हैं
प्यार जमीं जिंदगी की,
प्रेम से मन मिल जाते हैं।
होगा प्यार तो फूल,
हर जगह मुस्कुराएंगे।
प्यार के प्यार से ही
बसेगा खूबसूरत चमन..,
बहारें-मौसम छाएंगे।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78