Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2022 · 3 min read

फूइसबुकिया पहलमान (हास्य कटाक्ष)

बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै जे एहनो कहूं पहलमानी भेलैए? बड्ड पहलमानी दाबी छै त कने अखारा मे जाऊ ने जे असली पहलमान सब सँ भेंट होइत रहतै. अखारा मे नै जाएत आ भैर दिन हमरा संगे बतकुट्टबैल पर उतारू रहत की. अई कुतर्की भागेसर दुआरे आब मंदिरो में रहब परले काल भऽ गेल की. मोन त ततेक रंज भेल अछि जे होइए डमरू डूग डूगा ओकर कान पका दियै आ नै त आई तांडव रूप धारण कए भागेसर के फूइसबुकिया पहलमानी छोड़ा दियै?

हम्मे बाबा से पुछली की हौलै हौ बाबा? भागेसर पंडा संगे पटकम पटकी हो गेलौ की? आई भोरे भोरे कैले एतेक खिसियायैल छहो? भागेसर आई जल चढ़ा पूजा नै केलकौ की? त हे लै हमहीं जल चरहा पूजा कैर दै छियौ. हम्मे बाबा के जल चढ़ा देलियौ त बाबा औरी तमसाईल बोललकै हौ कारीगर तहूं की भागेसर जेंका हमरा संगे पहलमानी करबाक फिराक में छह?
आईं एतेक जाड़ कनकनी मे जल चढ़ा देलह? एक कप चाह त पिऔले ने भेलह आ डंका पीट लेलह जे बाबा के हमहीं सेबने छियैन?
बाबा बोललकै हौ भागेसरो पंडा भैर दिन एहिना भवडाह करतह जे हमही बाबा के माथ पर टेकने छी हुनका कोनो तकलीफ नै हुअए दै छलियै? आई तक कोनो आफत विफैत मे बेगरत पर आएल नै ई हेहरा आ झूठे डंका पीटतह जे ओकरा सन धर्मात्मा तेसर के? मिथिला वला के त बतकुट्टूैल करबाक जन्मौटी गुण मरै बेर तक पछोर धेने रहतह? तई मे त फेसबुक पर एक स एक कुतर्की फूईसबुकिया पहलमान सब सन सन करैत फिरतह? फूइसबुक पर बेमतलबो गाईर गंजन, जयघोष, मिथिला मैथिली के ठीकेदारी होइते रहै छै की? अई सब मे भागेसरो के खूब मोन रमै छै?

हम्मे बाबा से पुछलियै हौ बाबा भागेसर संगे की होलै से कहो नै? बाबा हां हां करके बोललकै एतेक गप हम कहलियै तइओ ने बुझलहक? पहिने एक जुम तमाकुल खुआबह त कहै छियह? हम्मे बाबा के तमाकुल चुना देली तब बाबा खैनी खा बोले लगलै.
हौ कारीगर तहूं मीडिया वला के त सबटा गप बुझले छह जे मैथिली एक न. कुतर्की बतकुटाह होइए? तै मे फूइसबुक पर त एक पर एक कुतर्की फूइसबुकिया पहलमान सब भेटतह की? दिन भैर मिथिला मैथिलीक नाम पर दोकनदारी वला कुतर्क त आरो बेसी करै जेतह. सबटा चोट्टा सब बुझक्करी दाबीए चूर रहतह आ यथार्थ देखैतो सत गप स्वीकारतह ने ई सब? आ यथार्थ के मुँह झाँपै दुआरे फूइसबुकिया पहलमानी टा करतह?

ई भागेसरो पंडा कम गैंरखच्चर थोड़हि अछि इहो दाबीए चूर रहत जे ओ एम. ए (द्वय) हिंदी अंग्रेजीमे अछि आ अबै छै ओकरा ट्रांसलेशनो बनाएल नै? यथार्थ नै स्वीकारतह आ भइर दिन फूइसबुक पर दमसी झारने फिरतह? अकरा संगे सोलकनो शर्मा मानसिक गुलाम जेंका हँ मे हँ मिलेने फिरतह की? यथार्थ कहक त ई दुनू उनटे हमरे कुंठित/ मंचलोभी कहि अपन कुकृत्यक झांपतोप करै मे रहतह? कतेक त गिरोह बना मिथिला मैथिली पर प्रवचन (गाइर गंजन) तक करतह? जेना एकरे सबटा के मिथिला मैथिली के जानकारी टा छै? आ हम तूं सब त घास टा छिलने होई? कोन लाजे छै अई कुतर्क केनिहार सबके? कोनो समाधान पर नै औतह? तर्क दुआरा मिथिला मैथिली के समाधानो देखा दहक त ई सब मानतह नै? की जे मिथिला मैथिली हमरे टा बपौती रहबाक चाही? तैं करैत रहै जा फूइसबुकिया पहलमानी.

लेखक- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

1 Like · 372 Views
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

तनाव
तनाव
OM PRAKASH MEENA
मानवता दिल में नहीं रहेगा
मानवता दिल में नहीं रहेगा
Dr. Man Mohan Krishna
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
बेटी का होना
बेटी का होना
प्रकाश
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
विश्वास
विश्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शिकायत
शिकायत
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
"गमलों की गुलामी में गड़े हुए हैं ll
पूर्वार्थ
दोहा पंचक. . . . . विविध
दोहा पंचक. . . . . विविध
sushil sarna
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
Sanjay ' शून्य'
क्यूँ है..
क्यूँ है..
Vivek Pandey
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
*
*"नरसिंह अवतार"*
Shashi kala vyas
नहीं कहीं भी पढ़े लिखे, न व्यवहारिक ज्ञान
नहीं कहीं भी पढ़े लिखे, न व्यवहारिक ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
याद
याद
Kanchan Khanna
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
चीर हरण
चीर हरण
Dr.Pratibha Prakash
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
कवि रमेशराज
बदला मौसम मान
बदला मौसम मान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
4246.💐 *पूर्णिका* 💐
4246.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"सरस्वती बंदना"
राकेश चौरसिया
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
Loading...