फूइसबुकिया पहलमान (हास्य कटाक्ष)
बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै जे एहनो कहूं पहलमानी भेलैए? बड्ड पहलमानी दाबी छै त कने अखारा मे जाऊ ने जे असली पहलमान सब सँ भेंट होइत रहतै. अखारा मे नै जाएत आ भैर दिन हमरा संगे बतकुट्टबैल पर उतारू रहत की. अई कुतर्की भागेसर दुआरे आब मंदिरो में रहब परले काल भऽ गेल की. मोन त ततेक रंज भेल अछि जे होइए डमरू डूग डूगा ओकर कान पका दियै आ नै त आई तांडव रूप धारण कए भागेसर के फूइसबुकिया पहलमानी छोड़ा दियै?
हम्मे बाबा से पुछली की हौलै हौ बाबा? भागेसर पंडा संगे पटकम पटकी हो गेलौ की? आई भोरे भोरे कैले एतेक खिसियायैल छहो? भागेसर आई जल चढ़ा पूजा नै केलकौ की? त हे लै हमहीं जल चरहा पूजा कैर दै छियौ. हम्मे बाबा के जल चढ़ा देलियौ त बाबा औरी तमसाईल बोललकै हौ कारीगर तहूं की भागेसर जेंका हमरा संगे पहलमानी करबाक फिराक में छह?
आईं एतेक जाड़ कनकनी मे जल चढ़ा देलह? एक कप चाह त पिऔले ने भेलह आ डंका पीट लेलह जे बाबा के हमहीं सेबने छियैन?
बाबा बोललकै हौ भागेसरो पंडा भैर दिन एहिना भवडाह करतह जे हमही बाबा के माथ पर टेकने छी हुनका कोनो तकलीफ नै हुअए दै छलियै? आई तक कोनो आफत विफैत मे बेगरत पर आएल नै ई हेहरा आ झूठे डंका पीटतह जे ओकरा सन धर्मात्मा तेसर के? मिथिला वला के त बतकुट्टूैल करबाक जन्मौटी गुण मरै बेर तक पछोर धेने रहतह? तई मे त फेसबुक पर एक स एक कुतर्की फूईसबुकिया पहलमान सब सन सन करैत फिरतह? फूइसबुक पर बेमतलबो गाईर गंजन, जयघोष, मिथिला मैथिली के ठीकेदारी होइते रहै छै की? अई सब मे भागेसरो के खूब मोन रमै छै?
हम्मे बाबा से पुछलियै हौ बाबा भागेसर संगे की होलै से कहो नै? बाबा हां हां करके बोललकै एतेक गप हम कहलियै तइओ ने बुझलहक? पहिने एक जुम तमाकुल खुआबह त कहै छियह? हम्मे बाबा के तमाकुल चुना देली तब बाबा खैनी खा बोले लगलै.
हौ कारीगर तहूं मीडिया वला के त सबटा गप बुझले छह जे मैथिली एक न. कुतर्की बतकुटाह होइए? तै मे फूइसबुक पर त एक पर एक कुतर्की फूइसबुकिया पहलमान सब भेटतह की? दिन भैर मिथिला मैथिलीक नाम पर दोकनदारी वला कुतर्क त आरो बेसी करै जेतह. सबटा चोट्टा सब बुझक्करी दाबीए चूर रहतह आ यथार्थ देखैतो सत गप स्वीकारतह ने ई सब? आ यथार्थ के मुँह झाँपै दुआरे फूइसबुकिया पहलमानी टा करतह?
ई भागेसरो पंडा कम गैंरखच्चर थोड़हि अछि इहो दाबीए चूर रहत जे ओ एम. ए (द्वय) हिंदी अंग्रेजीमे अछि आ अबै छै ओकरा ट्रांसलेशनो बनाएल नै? यथार्थ नै स्वीकारतह आ भइर दिन फूइसबुक पर दमसी झारने फिरतह? अकरा संगे सोलकनो शर्मा मानसिक गुलाम जेंका हँ मे हँ मिलेने फिरतह की? यथार्थ कहक त ई दुनू उनटे हमरे कुंठित/ मंचलोभी कहि अपन कुकृत्यक झांपतोप करै मे रहतह? कतेक त गिरोह बना मिथिला मैथिली पर प्रवचन (गाइर गंजन) तक करतह? जेना एकरे सबटा के मिथिला मैथिली के जानकारी टा छै? आ हम तूं सब त घास टा छिलने होई? कोन लाजे छै अई कुतर्क केनिहार सबके? कोनो समाधान पर नै औतह? तर्क दुआरा मिथिला मैथिली के समाधानो देखा दहक त ई सब मानतह नै? की जे मिथिला मैथिली हमरे टा बपौती रहबाक चाही? तैं करैत रहै जा फूइसबुकिया पहलमानी.
लेखक- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)