फुलवा बन आंगन में महको,
फुलवा बन आंगन में महको,
बेटी खुशियाँ से तुम चहको।
मिल जाएँ लम्बी उमर तुम्हे,
जीवन हो तुम्हारे सौ बरसों ।
नित नई ऊंचाई पर चढ लो,
रोशनी बनो नित तुम हर्षो।
कभी कमी न हो संस्कारो में,
पढ लिखकर शिखरो को परसो।
सुख मिले तुम्हे इतना बेटी,
दुःख क्या है जानने को तरसो।
* बेटी आकृति के जन्म दिवस की अशेष मंगलकामनाए