फुर्तीला घोड़ा
चुस्त दुरुस्त और फुर्तीला घोड़ा,
भूरा काला या सफेद रंग का,
चार पैर करते कमाल ,
तीव्र हवा-सा दौड़ लगाता ,
न रूकता न थकता है ,
टकपक टकपक चलता है ,
लगाम खींचो तो ठहरता है ,
घोड़ा अद्भुत जानवर है ,
युद्ध भूमि में होता था साथ,
महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक,
वीरता का वह शान,
रथ गाड़ी में घोड़े को सजा कर,
सैर करो खूब आराम से ,
बरातों में है खूब नचाते ,
टमटम गाड़ी घोड़े की ,
कर लो सवारी घर तक ही ।
✍बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।