फुटपाथ की कहानी
”फुटपाथ की परेशानी ” यह मात्र फरीदाबाद ही नहीं सभी घनी आबादी वाले शहरों की समस्या है दुकानों के मालिकों , फेरीवालों ,और भिखारिओं के नाजायज़ कब्ज़े की वजहों ने पैदल यात्रिओं का चलना -फिरना मुहाल कर रखा है. और सड़क पर चलो तो जान का ख़तरा . आते-जाते तेज़ रफ़्तार में दौड़ने वाले अक्सर टक्कर मार कर ,कुचल कर आगे बढ़ जाते हैं ,पीछे मुड़ कर देखते भी नहीं. निर्दयी! !. हमारे देश में सड़क-दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह भी यही है. इसी लिए सरकार को दुकानदारों, फेरीवालों और भिखारिओं से फुट -पाथ पर नाजायज़ कब्ज़े सख्ती से बंद करवाने चाहिए. और सड़क पर वाहनों की रफ़्तार पर भी पाबन्दी लगानी चाहिए. यानी के ट्रेफिक -नियमो का पालन बड़ी कठोरता से करवाना चाहिए. और इसके अतिरिक्त पार्किंग की समस्या की वजह से भी पथिकों को चलने में परेशानी होती है. कुछ लोग तो फुटपाथ को ही कार पार्किंग बना देते हैं. ऐसे में पथिक चले तो कहाँ चलें. अत : निष्कर्ष यही है की यह सब अतिक्रमण बंद होना चाहिए. चाहे वोह दुकानदारों,फेरीवालों भिखारिओं द्वारा हो या कार-पार्किंग द्वारा हो.