Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2023 · 1 min read

फीके रंग

ये रंग उदास से लगने लगे हैं ,
मानों की तुम्हारे जाने से फीके पड़ने लगे हैं ,
मुस्कुराना मेरी मज़बूरी बन गयी है ,
हसने का सबब तो तुम्हारे साथ ही चला गया ,
देखो लोग होली खेल रहे हैं चारों तरफ रंगों की बौछार है ,
आंखे तुम्हें ढूंढ रही हैं ,
तुम अब नहीं आओगे दिल ये ज|नता है लेकिन फिर भी तेरी सूरत का जो नक्श आँखों में जा बसा है ,बस यही नक्श धुंधला नहीं होता , बाकि ये रंग बिरंगे उजाले मुझे धुंधले बेढब लगने लगे है ,
हाँ मुझे ये रंग फीके से लगने लगे हैं |

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद ‘

Language: Hindi
2 Likes · 251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गीत - इस विरह की वेदना का
गीत - इस विरह की वेदना का
Sukeshini Budhawne
4507.*पूर्णिका*
4507.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
ज्यादा खुशी और ज्यादा गम भी इंसान को सही ढंग से जीने नही देत
ज्यादा खुशी और ज्यादा गम भी इंसान को सही ढंग से जीने नही देत
Rj Anand Prajapati
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
sushil sarna
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
कैसे कहे
कैसे कहे
Dr. Mahesh Kumawat
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
You may not get everything that you like in your life. That
You may not get everything that you like in your life. That
पूर्वार्थ
किवाङ की ओट से
किवाङ की ओट से
Chitra Bisht
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
मुहब्बत नहीं है आज
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
हमेशा कोई जगह खाली नहीं रहती,
Manju sagar
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
Dr Archana Gupta
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सूरज - चंदा
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
कृष्णकांत गुर्जर
दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जैसी बदनामी तूने मेरी की
जैसी बदनामी तूने मेरी की
gurudeenverma198
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ  ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
हँसना चाहता हूँ हँसाना चाहता हूँ ,कुछ हास्य कविता गढ़ना चाहत
DrLakshman Jha Parimal
रूह का छुना
रूह का छुना
Monika Yadav (Rachina)
"शाश्वत"
Dr. Kishan tandon kranti
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
सफाई कामगारों के हक और अधिकारों की दास्तां को बयां करती हुई कविता 'आखिर कब तक'
Dr. Narendra Valmiki
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
Ashwini sharma
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Loading...