फिल्म कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी स्क्रिप्ट रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283/7859042461
तारीक – 23 – 01 – 2022
कृष्णा के दिमाग में ये बात संदेह पैदा कर रहा था
कृष्णा ने कहा वाह विशाल साहेब आप तो अजुबा तरक्की कर गये
राधा फुली न समा रही थी अपने पति का तरक्की देख कर
तब तक जुवेर चार लड़कियों को ले आया और विशाल से बोला
जुवेर अरे विशाल यार इन चारों को काम का बहुत जरूरी है किसी का पिता बिमार हैं तों किसी को अपनी बुढ़ी मां का
सभी लड़कियों से विशाल को नमस्ते किया और कहा सर हमको काम मिलेगा न
तो विशाल ने कहा आप सब हमें सर नहीं अपना भाई समझें और हम आप लोगों
ये देखकर राधा अपने मन में सोचने लगी कि हमारे पापा विशाल को कितना गलत समझ रहे थे पर मेरा विशाल तो देवता हैं
पर इन लड़कियों को देखकर कृष्णा को पुरा यकिन हो गया कि वो हमारे गांव की पड़ोसी ठीक कह रही थी।
सभी लड़कियों ने राधा को बहुत इज्जत कर रही थी और दो दिन के बाद विशाल आया और बोला हम सभी के लिए काम जुगाड़ लगा लिया है तुम लोग चलों मेरे साथ
और हां कृष्णा तुम हमारे साथ चलोगे हमें तुमसे एक जरूरी बात करना है
कृष्णा कहा ठीक है हम चलेंगे आपके साथ
जुवेर सभी लड़कियों को लेकर आगे निकला और राधा को विशाल ठीक से समझा दिया कि घर ठीक से बंद कर लेना कृष्णा कुछ देर के बाद आएगा ।
जैसे ही विशाल कृष्णा से थोड़ा दूर हुआ कि इस बीच कृष्णा ने कहा कि मैं दरवाजे पर आके आपको काॅल करुंगा तो आप फोन रिसीव करके ही हमारा आवाज सुनकर ही दरवाजा खोला ऐसा विशाल बाबु ने कहा है (कृष्णा यहां झुठ बोला सिर्फ राधा के सुरक्षा के कारण )
राधा ने कही अच्छा ठीक है कृष्णा जब-तक तुम्हारा काॅल मैं रिसीव नहीं करुंगी तब तक दरवाजा नहीं खोलूंगी ये विशाल से कह देना
कृष्णा हां मैं कह दुंगा
विशाल गाड़ी में बैठ कर कृष्णा का इंतजार कर रहा था कृष्णा राधा को सारा बात समझा कर आया और विशाल के साथ गाड़ी में बैठ गया और गाड़ी चल पड़ी
विशाल – कहो कृष्णा शहर कैसा लग रहा है
कृष्णा अंजान बनकर कहा बहुत अच्छा लग रहा है मुझे
विशाल – कृष्णा तुम उस दिन कह रहा था न कि मैं ये अजुबा तरक्की कैसे किया । तो ये तरक्की कृष्णा तुम भी कर सकते हो
कृष्णा – सच में पर वो कैसे
विशाल – जैसा मैं कहता हूं वैसा तुम करोगे तो तुम्हारे तरक्की का गरैंटी मैं लेता हूं।
कृष्णा – हां हां विशाल बाबु आप जैसे कहेंगे हम वैसे ही करेंगे आखिर हम भी तो गांव से शहर पैसे कमाने के लिए ही तो आये है
विशाल – गुड कृष्णा तुम हमारे काम का आदमी हो
कृष्णा – तो विशाल बाबु हमें क्या करना होगा
विशाल – कृष्णा आज चलों मैं तुम्हें दिखाता हूं कि तुम्हें क्या करना होगा
आधा घंटा गाड़ी चलने पर जुवेर ने एक सुनसान जगह पर गाड़ी रोकी जहां पर पहले से ही लड़कियां खरिदने बाले लोग आ पहुंचे थे सभी लड़कियों को एक कमरे में बैठाकर कुछ खाने का सामान दिया जिसमें नशें का दवा मिला हुआ था ये दवा कम से कम इन लड़कियों को तीन चार घंटे के बाद ही अपने होश में आने देता तब तक तो सबके सब बिछुर कर कहा से कहा पहुंच जाएगी।
सभी लड़कियों खा रही थी और खाते खाते सब नशे में धुत होकर मरे मुर्दे के समान हो गया ।
तब तक विशाल भी कृष्णा को लेकर पहुंचा
कृष्णा ने मौका देखकर अपने मोबाइल का ओडियो रेकाॅडिंग चालू कर दिया और जब में रख लिया
विशाल के पहुंचते ही सभी लोगों कृष्णा के पास पहुंचा और कृष्णा से बदतमीजी करते हुए कहा
एक ने कहा – क्यों वे तु जो हमारे पैसे पर ऐस करता है तेरा बाप कमाकर रखा था हमारे पास
विशाल – देखो सेठ ऐसे बात मत करो
दुसरे ने कहा क्यों न करु ऐसे बातें तुम हमें कब से झुठी तसल्ली दे रहा है
विशाल – सेठ हमें भी पुलिस से बच कर ही लड़कियों का व्यवस्था करना पड़ता है
तिसरा – व्यवस्था हुआ कि नहीं
विशाल – व्यवस्था तो हो गया है पर ये कुछ महंगा पड़ेगा
सेठ – क्यों इसमें क्या खास बात है
विशाल – वो तों देखने पर ही तुम सब समझ जाओगे
दुसरा – ठीक है ठीक है पहले लड़कियां दिखाओ
विशाल – ओ के
कृष्णा चुप चाप देख सुन रहा था और अंजान बने गुप्त रूप से मोबाइल में भुवाईश रेकाॅर्डिंग कर रहा था
सभी सेठ को लड़कियां पसंद आ गया बोला कितना रुपया बढ़ा के देना होगा।
विशाल – एक एक लाख हर लड़की का
साला बहसी दरीदों तुरंत मान गया सब सेठ अपना पता दिया और मुर्छित लड़कियों को एक एक कर लें गया जब सब लड़कियों को लेकर चला गया और चार लड़कियों का चालीस लाख रुपया विशाल को तुरंत हो गया । ये देख कृष्णा सोचने लगा कि ये क्या हो रहा था जी करता है मैं अभी विशाल को मार डालू पर अभी और भी भेद जानना बहुत जरूरी है इस लिए वो एकदम ना समझ बनकर रह रहा था और सारे बात समझ रहा था कि विशाल का धंधा क्या है
जुवेर विशाल और कृष्णा एक होटल में पहुंचा वो होटल काफी महंगा था और उस होटल में विशाल विदेशी लड़की के साथ हम विस्तर हुआ जुवेर ने कहा आज मुड नहीं है
जब कृष्णा से पुछा तो कृष्णा ने कहा विशाल बाबु ये सब पाप है ऐसा मत करो
विशाल – कृष्णा कुछ पाप नहीं है कृष्णा पैसा हो तों हर मंजिल अपना हैं वर्णा अपना बाप भी अपना नहीं रहता
कृष्णा ठीक है आपको जो अच्छा लगे वो करो मैं तों नहीं करता ये सब
फिर लगभग एक घंटा में तीनों बाहर निकला और अपने घर के लिए चल दिया
विशाल – कृष्णा तुम क्या देखा
कृष्णा हमने यही देखा कि आपने उन चारों सेठ को वो मुर्छित लड़की दिये और वो सब आपको बहुत पैसे दिए
पर मुझे ये समझ में नहीं आया कि वो चारों लड़की मुर्छित कैसे हो गई और वो चारों उन लड़कियों को कहा ले गया
विशाल – कृष्णा वो लड़कियों के खाने में नशे की दवा मिला कर खिलाया गया
कृष्णा – पर क्यों
जुवेर – क्योंकि वो काम पर जाने से मना कर रही थी अभी जो पैसे वो सेठ सब दिये हैं ये सब पैसे हमारे
विशाल – हमने उन चारों लड़कियों को बेच दिया चालीस लाख मे
कृष्णा तुम भी इतने रुपये कमा सकते हो
कृष्णा – वो अब हमारे मोटे दिमाग में ये सब बातें सेट हुआ
कृष्णा का जी जल रहा था विशाल और जुवेर का कारनामे को देख।
विशाल – देख कृष्णा राधा को ये सब बातें नहीं बताना
कृष्णा – अगर वो हमसे पुछेगी तों
विशाल – कृष्णा तुम कहना बहुत अच्छा काम है
कृष्णा – नहीं नहीं मैं झुट नहीं बोलूंगा
जुवेर – अरे यार तुम झुठ नहीं बोलेगा तो चुप तो रहेगा न फिर तुम्हें भी तो ये काम करना है कि नहीं
कृष्णा – हम करेंगे कि नहीं ये तो समय बताएगा
विशाल – हां तु अच्छी तरह सोच लेना फिर करना लेकिन राधा को कुछ मत बताना
कृष्णा ने अपने मोबाइल का रेकॉर्ड जगदीश डोंगरा को भेजा ये काम है आपके दामाद का । पर ये बात अभी आप किसी को नहीं बताएंगे ये सारी बात हमारे आपके बीच रहेगा
जगदीश डोंगरा तो डर गया और कहा कृष्णा राधा का ध्यान रखना मुझे तो बहुत डर लग रहा है कि वो विशाल कहीं हमारे बेटी के साथ भी कोई ग़लत नही कर दें
कृष्णा – ऐसा बात नहीं है क्योंकि राधा उसका पत्नी है वो राधा के साथ बुरा नहीं करेगा पर यदि वो किसी भी प्रकार का गलत करने की कोशिश किया तो मैं उसे नहीं छोरुंगा
आप हम पर यकीन रखिए राधा को कुछ नहीं होगा
जगदीश डोंगरा -हां कृष्णा हमें तुम पर भरोसा है
कृष्णा तो ठीक है आप फोन रखिए और आपके बातों से ये न इजहार हो कि मैं आपको विशाल के बारे में कुछ बताया है
और फोन कट हो गया
विशाल और कृष्णा घर पर आया फिर कृष्णा ने राधा को फोन किया।
राधा कृष्णा का फोन रिसीव किया
तो कृष्णा ने कहा आप दरवाजा खोलीए हम दरवाजे पर खड़े हैं
राधा – विशाल भी है
कृष्णा – हां
राधा ने फटाक से दरवाजे खोली
और दोनों ने घर में प्रवेश किया
राधा फटाफट विशाल और कृष्णा के लिए पानी लाई
और सब हाल समाचार पुछी
विशाल – चढ़ बढ़ के झुठी तारीफ करते हुए कहा हमें हमारे मालिक ने सारा काम सौफ कर कहां ले लो पंद्रह लाख एडवांस में जरुरत पड़े तो मुझे कहना मैं तुम्हें पंद्रह बीस लाख और दें दुंगा
अब राधा का खुशी सातवें आसमान पर था
जब राधा और विशाल बातें कर रहा था तो कृष्णा वहां से उठ कर दुसरे कमरे में चला गया नहीं तो शायद कृष्णा को बर्दाश्त नहीं होता
फिर राधा ने कहा आप कृष्णा को खुब घुमाएं कि नहीं वो गांव का रहने वाला गांव में अच्छी अच्छी जगहें देखने को कहा मिलता है
विशाल – अरे कृष्णा को तो मैं जन्नत में ले ले गया पर वो गांव का लोग को क्या पता कि लोग शहरों में कैसे रहते
राधा विशाल को अपने बाहों में भर लिया तों विशाल बोला अच्छा अभी नहीं अभी कृष्णा भी है हम रात को भरपूर प्यार करेंगे तब तक मैं बाज़ार से कुछ काम करके आता हूं
विशाल को जाते ही राधा ने कृष्णा को आवाज देते हुए उनके पास पहुंच गई और बोली कृष्णा कैसा लगा विशाल के साथ घूमने में तुम तो देखा ही होगा कि हमारा विशाल कितना बढ़िया काम कर रहा है ।
राधा के बात को कृष्णा सुनना नहीं चाहता था इसलिए वो फिर उनके पास से दुसरे कमरे में आकर कुछ कुछ करने लगा । राधा फिर उसके पिछे पिछे आई।
कृष्णा – राधा जी आप चुप रहिए और मुझे काम करने दिजिए हां मैं आपको इतना जरूर कहूंगा कि आप यहां पर मत रहिए क्योंकि खैर छोड़िए बातों
राधा – क्या बात है कृष्णा तुम विशाल के काम से खुश नहीं हो और मैं यहां मतलब अपने पति के पास क्यों न रहूं
कृष्णा – हां मैं विशाल बाबु के काम से खुश नहीं हूं और मैं आपको कह रहा हूं कि आप यहां पर मत रहो
राधा – भड़क गई और कहती हैं तुम हमारे घर का एक नौकर हो तुम काम पर ध्यान रखो पसंद ना पसंद या फिर हुक्म चलाने पर नहीं समझा
कृष्णा – हां मैं तो समझ गया पर तुम जिस दिन समझोगी उस दिन तुम्हें कृष्णा का आज का दिन याद आएगा
रहा बात हमारा तो हम नौकरी करते हैं क्यों तुम्हारे यहां ये तुम से बेहतर और कौन जान सकता है
फिर राधा ने कृष्णा से दिमाग हटाकर अपने पापा को फोन लगाया। उनका हाल समाचार जाना और अपने पति का खुब तारीफ की
जब राधा के पिता जी समझ रहें थे कि हमारा दामाद क्या कर रहा है।
डोंगरा साहब – बेटी तुम कृष्णा का बात को हल्के में मत लेना। कृष्णा जो और जैसा कहें उस पर ध्यान देना
राधा – इन बातों को छोड़िए मैं अपने पति के साथ बहुत खुश हूं अच्छा पापा फोन रखती हूं
तब तक विशाल आ गया राधा को हो रहा था कि मैं सिना फाड़ कर विशाल को अपने अंदर छुपा लूं इनके तरक्की में कहीं मेरा नजर ना लग जाए
रात को विशाल राधा एक कमरे में और कृष्णा दुसरे कमरे में सो रहा था
तब राधा ने कहा कि एक बात पूछूं आपसे
विशाल – हां पहुंचो क्या पुछना चाहती हों
राधा – कृष्णा कह रहा था कि हमें विशाल बाबु का काम पसंद नहीं है ऐसा क्यों
विशाल – अरे राधा मैं तुम्हें कहना ही भुल गया कि कृष्णा हमें भी हमारे आॅफिस में यही बात कहां था कि विशाल बाबु आपका ये काम मुझे पसंद नहीं
मैंने पुछा क्यों कृष्णा तुम्हें ये काम क्यों नहीं पसंद है तो वो कहने लगा कि दिन भर कुर्सी पर बैठ कर पेट बाहर निकल आएगा एसी में तबियत बार बार खड़ाब होगा । तो मैंने पुछा कि कृष्णा हमें क्या करना चाहिए तो फिर वो कहने लगा कि हमें शरीर से मेहनत करना चाहिए वैगरह वैगरह
राधा – हुं ह बेवकूफ देहाती अच्छा हुआ कि हम उन प्यार नहीं किया
विशाल – राधा इसमें कृष्णा का कोई दोष नहीं है क्योंकि वो इन सब बातों को क्या जाने जो सदा गरीबी को देखा है जिन्हें मालूम ही नहीं कि सुख क्या होता है वो तो ऐसा ही सोचेगा । लेकिन तुम कृष्णा को कुछ मत कहना
राधा – वो माई स्वीट हार्ट ठीक है हम कृष्णा को अब कुछ नहीं कहेंगे
विशाल – मतलब तुम ने उन्हें डांट दिया है
राधा – हां जब वो तुम्हारे बारे में मुझे कहा तो मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं कृष्णा को दो चार सुना डाली
कृष्णा अपना बेजती भुला कर सोच रहा है कि जिस दिन राधा को विशाल का सच्चाई पता चलेगा तो क्या होगा कितना दुःख होगा राधा को
एक बार सोचता है कि विशाल का सारा सच्चाई राधा को बता दूं फिर सोचता है नहीं पहले मुझे विशाल के गुनाह के जड़ तक पहुंचना है और सो जाता है ।