फिल्म कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी। स्क्रिप्ट रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283/7859042461
तारीक – 11 – 02 – 2022
परेशानी को दुर करने तुम्हें लेने आये हैं तुम्हें यकीन नहीं हैं तो मैं अभी अपने मालिक और तुम्हारे ससुर जी से बात करबाता हूं और पी ए फोन लगाया और राधा का ससुर विसंबर नाथ ने काॅल उठाया
पी ए मालिक आपके बहूं को हमारे उपर विश्वास नहीं हो रहा है कि आप ही मुझे इन सब के सहायता के लिए भेज हैं लिजिए बात कर के उनको जो कहना है वो कहिए मैं अपना मिटिंग छोड़ कर उनको लेने आये है
विसंबर नाथ हल्लो बहूं मैं तुम्हारे ससुर जी बोल रहा हूं और मैं तुम्हारे पापा के साथ हूं तुम पी ए के साथ चलें जाओ वो तुम लोगों का ख्याल रखेंगा ये लो अपने पापा से बात करलो
जगदीश डोंगरा हां बेटी समधी जी हमारे साथ हैं तुम दोनों उनके साथ जाओ।
तभी राधा रोने लगी और बोली पापा विशाल का कोई पता नहीं है मैं कैसे जाऊं उसको छोड़ कर
जगदीश डोंगरा बेटी तुम जाओ मैं दामाद जी का पता लगाता हूं
राधा – बहुत भावुक होकर रोने लगी और बोली पापा मैं आपको मुंह दिखाने लायक नहीं रही फिर भी मैं विशाल को छोड़कर नहीं जाऊंगी
जगदीश डोंगरा ने फिर फोन विसंबर नाथ को दिया तो वो कहने लगे कि बेटा तुम पी ए के घर जाओ विशाल मेरा इकलौता बेटा हैं मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूं तुम थोड़ा समझदारी से काम लो
राधा – हूं
कृष्णा राधा को पी ए अपने गाड़ी बैठाया और अपने घर लें आया
और एक कमरे में दोनों को रुकने को कहा
जब राधा ने कहा कि मुझे अपने ही घर छोड़ दों तो पी ए ने कहा रोहित/विशाल को भी आ जाने दो तब तक तुम दोनों हमारे घर मेहमानी करो ।
इधर पी ए ने राॅकी को कहा कि विशाल अब अकेले हो गया है उसे देखते ही मार डालो ।
पुलिस विशाल को किसी भी वक्त दबोच सकता है वो बहुत ही सतर्क से छुप कर बचे जा रहा था
उधर पी ए कहा कि ये बाप बेटा नाक में दम कर रखा है अब इसका काम खत्म कर देना है वो अपने दस गुंडों को लेकर आया तो विसंबर नाथ नहीं था तो फोन करके पूछा आप कहां पर है मालिक
तों विसंबर नाथ अपना पता दिया कि वहां पर चार गाड़ी गुंडे समेत पी ए पहुंचा और दोनों समधी को बंदी बना लिया
विसंबर नाथ ये क्या हैं पी ए अपने होश में हो कि नहीं
जगदीश डोंगरा – ये क्या हैं समधी जी
पी ए जोड़ से हसा और राॅकी को बोला देख राॅकी आज उपर वाला हम पें कितना मेहरबान है।
मुलधन से साथ ब्याज और वो एक खजाना मैं इन दोनों के वंश ही खत्म कर दुंगा और दोनों के सम्पत्ति पर राज करेंगे
विसंबर नाथ – पी ए हम इस दौलत को अपने खुन पसीना बहा कर बनाये है
और तुम भी मेहनत करके कमाना सिखों तु क्या सोचता है हम तुम्हें ये दौलत दें देंगे
कमीने तुझे जुर्रत कैसे हुआ मुझे बंधी बनाने कि हमारे मेहरबानी पर तुम्हारा घर चलता है और तु हमारा ही घर छीनने चला
पी ए – मालिक आप नाराज क्यों हो रहें हैं आपको तों पता होगा ही लक्ष्मी देवी चंचल स्वभाव की होती है अब तक आपके पास था और अब से मेरे पास रहेगी मां लक्ष्मी मालिक।
जगदीश डोंगरा – विसंबर नाथ जी ये हैं कौन
विसंबर नाथ – समधी जी ये हमारा पी ए हमारा नौकर हैं
जगदीश डोंगरा- वो तो ये आपका पी ए हैं खाने कि औकात नहीं और महलों का ख्वाब देखता है
राॅकी – चुप रह बुढ़े नहीं तो तेरा श्राद्ध यही पर कर देंगे तेरी बेटी मुझे काॅलेज के समय से ही बहुत तंग कि हैं आज सबका बदला तुम से और तुम्हारे बेटी से लेंगे
जगदीश डोंगरा – जरा सोच की जिसका बेटी तुझे आज तक तंग करती हैं हैं उसका बाप तेरा क्या करेगा
पी ए कुछ नहीं करेगा अब तुम दोनों एक काम करो कि इन काज जात पर साइन कर दो और यम लोक का यात्रा करलो
राॅकी – पी ए जी इन दोनों बुढ़े को गाड़ी में लेकर कही सुनशान जगह चलो ताकि इन्हें तरपा तरपा कर मारेंगे
पी ए और राॅकी इसके बेटी को भी और कृष्णा को भी ले आओ पुराने खंडहर में
की उसी वक्त पी ए को फोन आया की विशाल को पकड़ लिया गया है ।
कि पी ए का खुशी का ठिकाना न रहा वो उछल उछल कर नाचने लगा और कहा उसे भी पुराने खंडहर में लेके पहुंच
सारे लोग खंडहर में इकट्ठा हुआ और पी ए का आदमी जगदीश डोंगरा समेत सबको बांध दिया और कहा
मेरे प्यारे मालिक जी आप सबको मैं एक राज बता देता हूं कि आपके बेटे रोहित/विशाल को इस लड़की व्यापार का ज्ञान हमारे कहने पर ही दिया गया था और आपका लडका उस ज्ञान को बहुत अच्छा से सिखा जो आज पुलिस इसके जान के पीछे पड़ा है
मैं नहीं मारुंगा तो ये पुलिस के हाथों अवश्य ही मारा जाएगा और आपकी बहूं विधवा हो जाएगी
किंतु राधा पेट से थी दोनों महिना हो गया था उसे उसी समय उल्टी जैसे मन करने लगा और उसे बार बार उल्टी करने क जैसा हो रहा था
ये देख राॅकी बोला देखो देखो पी ए देखो इसका बेटी उसका बहूं इसका घरवाली और तेरा क्या हैं ये कृष्णा जो रे राधा मां बनने वाली हैं।
और मेरी प्यारी राधा रानी ये तो बताओ कि ये जो तुम्हारे पेंट में बच्चा है वो तुम्हारे पति को है या तुम्हारे प्रेमी का
राधा – कमीने ये बात तो तय है कि तु एक आवारा कुत्ता है जिसे मार देने में ही भला है
और तु सुन मेरे पेट में बच्चा मेरे पति का हैं तेरे बहन के जैसा नहीं कि उन्हें एक मर्द से मन ही नहीं भरता
राॅकी – साली छिनाल हमारे बहन को गाली देती है और राधा को एक थप्पड़ जड़ दिया बाल पकड़ कर नोच डाला
ये देखकर कृष्णा आग आग हो गया उसने तड़कीव से काम लेना चाहा
कृष्णा – राॅकी भाई मैं एक बात कहूं
पी ए राॅकी इस कमिने के बातों में मत आना
राॅकी – ठीक है पी ए मैं इनके बातों में क्यों आऊं पर हम सब सुन तो ले की ये कहना क्या चाहता है
राॅकी – बोल वे तुने भी मुझे बहुत मारा था रामपुर में
कृष्णा – राॅकी भाई मैं तुम्हें इस राधा के लिए मारा था पर ये तों हमारी हुईं नहीं इसलिए तुम मुझे अपने मार के बदले जितना चाहे मार लो पर इन सबको छोड़ना नहीं ये लोग हमको भी बहुत सताया है और बार बार हमें जलील किया है मैं भी इनसे बदला लेना चाहता हूं।
जगदीश डोंगरा – कृष्णा तुम
कृष्णा – चुप वे बुढ़े मैं नौकरी करता हूं और कहीं कर लूंगा तुम्हारा धन तो अब पी ए साहब का होने वाला है तों मैं इनके यहां नौकरी कर लूंगा इसलिए जो काम हम तुम्हारे लिए कर रहे थे वहीं काम अब हम पी ए साहब और राॅकी के लिए करेंगे
पी ए – वाह कृष्णा वाह तुने तो कमाल कर दिया पर मुझे यकीन कैसे होगा कि तुम सच कह रहे हो
कृष्णा – तो पी ए साहब आप हमें आजमा लोन मैं इसमेें से जिसको कहोगे मैं उसको गोली मार दूंगा कहो किसको गोली मारनी है
राधा – कृष्णा तुम हराम खोर तु तो आश्तीन का सांप निकला
कृष्णा राधा को आंख मारा और बोला चुप वोय राधा के बच्ची तुने जितना हमें सताया है और जलील किया है वो सब तों मैं तुम्हें पाने के लिए सह रहा था पर अब तु विशाल के बच्चे का मां बनने वाली हैं तों अब तुम्हें मैं तो छुउंगा नहीं तों अपनाने की बात कहा से आएगा
राॅकी – कृष्णा तुने इस राधा के बच्ची को देर से पहचाना पर पहचान जरुर लिया
कृष्णा – पी ए साहब हमने क्या नही किया इसके परिवार के लिए मगर ये लोग हमें ग्लानि के सिवा कुछ नहीं दिया मैं चाहता हूं कि मैं भी इन सब से हर अपमान का बदला लूं
पी ए अगर तु बदला तो
कृष्णा कैसे बात कर रहे हो आप पी ए साहब आपके पास इतना आदमी हैं अगर मैं किसी भी प्रकार से होशियारी करने की कोशिश की तो मैं अपने जान गवाऊंगा
नही नही मैं इन सब के लिए अपना जान क्यों गवाएं इससे अच्छा तो मैं आपके साथ रहकर आपका हुकुम का पालन करु
पी ए हां बात तो तु ठीक कहता है चल राॅकी इसका हाथ खोल दें अब हमको काम करने की कोई आवश्यकता नहीं है सारा काम अब कृष्णा को ही करने दें
राॅकी ओ के पी ए
कृष्णा का हाथ राॅकी खोल दिया कि कृष्णा राॅकी को गले लगा लिया और कहा राॅकी भाई आज तो मैं इनके साथ वो करुंगा जो ये जीवन भर याद रखेगा
उसके बाद कृष्णा ने पी ए का पैर पकड़कर कहा पी ए साहब आप कितने दयालु है जों आप ने मुझे जीवन दान दिए
पी ए साहब आज तक मैं बंदुक से किसी को नहीं मारे हैं मेरा तमन्ना है कि मैं अपने दोनों हाथों में गन लेके एक फिल्म स्टाइल में इन सब को मारु
पी ए राॅकी इसका तमन्ना पूरी करों इनको दो गन दो
राॅकी ने कृष्णा को दो गन दिया और दोनों गन खाली था कृष्णा उसके वजन से समझ गया
गन आते ही कृष्णा बोला पी ए साहब किसको पहले मारु
पी ए ने कहा तुम्हारा इक्क्षा जिसको चाहो मार डालो
कृष्णा ओ के पी ए साहब
कृष्णा ने पहले विशाल पर गोली चला
राधा बड़ी जोर से चिल्लाई और सबके सब डर गया विशाल को लगा मैं तो गया
पर गन तो खाली था विशाल को कुछ नहीं हुआ
दुसरा गन तान दिया राधा के पिता के उपर
जिससे राधा कृष्णा से कहने लगी कृष्णा तुम मुझे मार दो पर मेरे पापा को छोड़ दों क्यों कि हम इन्हें दुःख के सिवा कुछ भी नहीं दिये कृष्णा तुम सदा मेरे बात मानते आए हों आज भी मान लों मेरे पापा को छोड़कर तुम हमें मार डालो तुम्हारा कुसुर वार मैं हूं
कृष्णा तुम चुप रहो कौन कुसुर वार हैं मैं समझ रहा हूं क्यों पी ए साहब
पी ए हां कृष्णा हां आज इसे मार कर हम सब अमीर हो जाएंगे मार कृष्णा मार नहीं है पुलिस आ जाएगा
कृष्णा ने जगदीश डोंगरा पर गोली चला दी और वो भी सच गया
कृष्णा क्या पी ए साहब आपको हम पर भरोसा नहीं हुआ किया। आपको क्या लगा कि हम आपको मार डालेंगे
पी ए हां कृष्णा मुझे ऐसा ही लगा
कृष्णा – तो आप राॅकी पर कैसे विश्वास कर लिए कि ये आपके साथ विश्वासघात नहीं करेगा
राॅकी ठीक है कृष्णा हम समझ गए कि तु अब हमसे धोखा नहीं करेगा
कृष्णा अगर आपको हमारे उपर विश्वास हो गया है तो हमें गोली दो मैं खुद गन में भरुंगा और जितने गोली गन में लगेगा उतना दो पांच सात जादा ही दो मैं इन सब को जिंदा देख रहा हूं तो मेरा खून खौल रहा है
पी ए के कहने पर राॅकी ने कृष्णा को गोली का एक झोला ही दे दिया
कृष्णा ने फटाफट गन को गोली से भर दिया और पी ए के पास पहुंचा और बोला मैं आपका आशीर्वाद लेके आज बड़े रिश्क का काम करने जा रहा हूं
और पी ए के कान में गन सटा दिया और बोला चल सब को खोल नहीं तो तेरा खोपरी खोल दुंगा और एक लात पी ए के कमर पर दिया
जैसे ही पी ए को बचाने के लिए राॅकी बढ़ा कि कृष्णा उछल कर ऐसा घुसा मारा की वो फुटबॉल कि तरह उछल कर जा गीड़ा
जो भी आगे बढ़ता कृष्णा उसे गोली मार देता वो वहीं चीत हो जाता
गांव का भोला भाला कृष्णा आज फुल एक्शन में आ गया था
पी ए कृष्णा तु ठीक नहीं कर रहा है
कृष्णा – मैं क्या ठीक कर रहा हूं और क्या ग़लत ये मैं बखुबी समझ रहा हूं तु हमें समझाने की कोशिश मत कर
अपने आदमी से बोल कि सब का बंधन खोलें चल बोल अपने घुटने से पी ए के पिछवाड़े पर दे मारा
इसी बीच एक गुंडा कृष्णा पर गोली चलाने वाला था जिसे विशाल ने देखा और वो चिल्लाया कृष्णा पिछे
कृष्णा एक जबरदस्त एक्शन में घुमा और उसे ठोक दिया
पी ए ने अपने आदमी से कहा इन सब का बंधन खोल दों
कृष्णा राधा से कहा राधा तुम दोनों अंकल को संभालो मैं इन सब को देखता हूं
अब शायद विशाल का मरा हुआ जमीर जिंदा हो गया था उसने कृष्णा से कहा कृष्णा तुम मारो इन कमीनो को मैं तुम्हारे साथ हूं इसी ने मुझे जान बुझकर इस गुनाह मे फसाया
अब तो कृष्णा बिजली बनकर टुट पड़ा पी ए और राॅकी पर कृष्णा बातों बात में सबको बुरी तरह धोया लगभग अब विशाल भी कृष्णा का साथ दें रहा था
इसी दौरान राॅकी ने कृष्णा विशाल पर गोली चला दिया विशाल के आगे कृष्णा आ गया जिससे गोली कृष्णा के बांह पर लगा
जो राधा देख ली वहीं पड़ा गन उठा राधा ने राॅकी को तीन गोल मार कर नर्क में पहुंचा दिया पी ए का सारा आदमी मारा गया जब विशाल पी ए को गोली मारने लगा कि पुलिस आ पहुंचा और पी ए को अरेस्ट कर लिया और विशाल को भी हथकड़ी लगाई
ससुर जगदीश डोंगरा और पिता विसंबर नाथ ने पुलिस से रिक्वेस्ट किया कि विशाल तो बेकुसूर है
पुलिस कैसे बेकुसूर है इन्होंने लड़की को गुमराह करके बेचा न उसका जिंदगी खड़ाब क्या न