Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2024 · 1 min read

फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा

सुना है की अब तो नई सरकार गरीबों का भला करेगा?
वोट मिल जाते ही चुपके से फिर वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा.
©किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना
जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना
gurudeenverma198
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
आहुति  चुनाव यज्ञ में,  आओ आएं डाल
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
Dr Archana Gupta
जो लोग बलात्कार करते है
जो लोग बलात्कार करते है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कौन सा जादू टोना करते बाबा जी।
कौन सा जादू टोना करते बाबा जी।
सत्य कुमार प्रेमी
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
शेखर सिंह
मत कहना ...
मत कहना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
विदाई
विदाई
Aman Sinha
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
Ajit Kumar "Karn"
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
3676.💐 *पूर्णिका* 💐
3676.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
तेरा इश्क मेरे दिल की दवा है।
तेरा इश्क मेरे दिल की दवा है।
Rj Anand Prajapati
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
एहसान
एहसान
Kshma Urmila
बुंदेली दोहे- छरक
बुंदेली दोहे- छरक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सच
सच
Neeraj Agarwal
■ एक_और_बरसी...
■ एक_और_बरसी...
*प्रणय प्रभात*
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
उमेश बैरवा
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
बस इतनी सी चाह हमारी
बस इतनी सी चाह हमारी
राधेश्याम "रागी"
Loading...