फिर मुस्कुराना चाहता हूँ
तेरा दर्द भुलाना चाहता हूँ
मैं फिर मुस्कुराना चाहता हूँ
तेरा ग़म छुपाना चाहता हूँ
मैं फिर मुस्कुराना चाहता हूँ
इस क़दर है मोहब्बत तुझसे
कर सका न मैं नफ़रत तुझसे
तुझसे दूर अब जाना चाहता हूँ
मैं फिर मुस्कुराना चाहता हूँ
चाहूँ ना चाहूँ पर याद तू आए
क्यूँ दिखते है मुझे बस तेरे साये
तेरी हर याद मिटाना चाहता हूँ
मैं फिर मुस्कुराना चाहता हूँ
तेरे ख़्वाबों का सिलसिला टूटता ही नही
मेरे वजूद से तेरा असर छूटता ही नहीं
तेरे हिसार से आज़ाद होना चाहता हूँ
मैं फिर मुस्कुराना चाहता हूँ