फिर मुझे तेरी याद आई
हुई बरसात तो फिर मुझे याद आई
बस वो तेरी थोड़ी सी बेवफाई।
तुम न दिखते थे तो अजीब सी बेचैनी होती थी
पर अब तो सताने लगी है ये लंबी जुदाई।
अगर हो इश्क किसी को किसी से
तो बोलो फिर उसे भला नींद कहां आई।
मैं कैसे कुछ कहूं किसी से
इसमें होगी मेरे प्यार की रुसवाई ।
ए खुदा तू भी चुप है
क्या यही है क्या तेरी खुदाई?