फिर भी तुम्हारे लिए
फिर भी तुम्हारे लिए, यह कर रहा हूँ।
सदा खुश रहो तुम, दुहा कर रहा हूँ।।
फिर भी तुम्हारे लिए—————-।।
तुमने तो समझा, दुश्मन सदा मुझको।
सदा तुम रहो रोशन, यह लिख रहा हूँ।।
फिर भी तुम्हारे लिए——————-।।
नहीं मिली कभी हमको, खुशी कोई तुमसे।
दुनिया हो तेरी आबाद, वफ़ा कर रहा है।।
फिर भी तुम्हारे लिए———————।।
अपनों सी इज्जत तुमको, सदा हमने दी है।
तेरे रहने को घर भी , बना मैं रहा हूँ।।
फिर भी तुम्हारे लिए——————–।।
होना निराश नहीं तू , सभी साथ छोड़ दे जब।
वसीहत मैं तुमको अपनी, सौंप यह रहा हूँ।।
फिर भी तुम्हारे लिए————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847