फिर फिर मुड़ कर
फिर फिर मुड़ कर
क्यों देखना
छूट गई राहों को
फिर फिर सोचना
क्यों याद करना
उलझी बीती बातों को
चित्रा बिष्ट
फिर फिर मुड़ कर
क्यों देखना
छूट गई राहों को
फिर फिर सोचना
क्यों याद करना
उलझी बीती बातों को
चित्रा बिष्ट