Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2024 · 1 min read

फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,

फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
सुबह-सबेरे, वो शाम-ए-लुत्फ़ याद आई।

मैं भूल चुका था तुम्हें, हमेशा के लिए,
यक-ब-यक, तुम्हारी फ़िक्र याद आई।

तुम जो मेरे बाजू में अक्सर गुनगुनाती थी,
वो मीठी नज़्म तुम्हारी, शबे-हिज्र याद आई।

कौन कहता है, माजी रिश्ते फना हो जाते हैं
हमें उम्र-दराज़, रिश्तों की कद्र याद आई।

वक़्त के साथ, बिंदास हो गये हो तुम भी,
बाँहों में पहली मर्तबा, तुम्हारी शर्म याद आई।

दौरे-क़ुुर्बत क्या-क्या न हो पड़ता उस दरम्यां,
कुछ तुम्हारी, कुछ हमारी हदे-सब्र याद आई।

2 Likes · 3 Comments · 69 Views
Books from Shreedhar
View all

You may also like these posts

नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
पूर्वार्थ
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
Rj Anand Prajapati
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
"इंसाफ का तराजू"
Dr. Kishan tandon kranti
दान गरीब भाई को कीजिए -कुंडलियां -विजय कुमार पाण्डेय
दान गरीब भाई को कीजिए -कुंडलियां -विजय कुमार पाण्डेय
Vijay kumar Pandey
*न हों बस जैसा हों*
*न हों बस जैसा हों*
Dr. Vaishali Verma
मेरे पास कुछ भी नहीं
मेरे पास कुछ भी नहीं
Jyoti Roshni
क्या होगी इससे बड़ी, बुरी दूसरी बात
क्या होगी इससे बड़ी, बुरी दूसरी बात
RAMESH SHARMA
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
Otho Pat
शब्द
शब्द
Mahesh Jain 'Jyoti'
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
2575.पूर्णिका
2575.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इंतज़ार
इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
रामपुर में काका हाथरसी नाइट
रामपुर में काका हाथरसी नाइट
Ravi Prakash
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
- गुमनाम लड़की -
- गुमनाम लड़की -
bharat gehlot
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
जीवन सत्य या मृत्यु। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
हे मन
हे मन
goutam shaw
धडकन तडपन भारी भारी है ।
धडकन तडपन भारी भारी है ।
अरविन्द व्यास
पधारे राम अयोध्या में
पधारे राम अयोध्या में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
57...Mut  qaarib musamman mahzuuf
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
sushil yadav
हमदर्द
हमदर्द
ललकार भारद्वाज
.
.
*प्रणय*
मौत बेख़ौफ़ कर चुकी है हमें
मौत बेख़ौफ़ कर चुकी है हमें
Dr fauzia Naseem shad
तुम...
तुम...
Vivek Pandey
धुन
धुन
Ragini Kumari
Loading...