फिर जज्बात से हक़ीक़त को हार गया हूं…..
फिर जज्बात से हक़ीक़त को हार गया हूं
ना चाह कर उसकी हर बात मान गया हूं
कैसा रोग दिया है उसने,
आंखो में उसकी भूल सारा संसार गया हूं।
फिर जज्बात से हक़ीक़त को हार गया हूं
ना चाह कर उसकी हर बात मान गया हूं
कैसा रोग दिया है उसने,
आंखो में उसकी भूल सारा संसार गया हूं।