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28 Jun 2024 · 1 min read

फिर आई बरसात फिर,

फिर आई बरसात फिर,
घन गरजे घनघोर ।
फिर धड़का दिल जोर से,
फिर गीले थे कोर ।।

सुशील सरना / 28-6-24

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