Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2023 · 1 min read

फागुन

चली बसंती हवा सुहानी ,फागुन आया झूम के।
टेसू फूले बगियां महकी, मौरे अमुआ झूम के।।
खेतों में छाई हरियाली, सरसों अलसी महक रहीं।
मेरे घर आंगन चौबारे, कितनी चिड़ियां चहक रहीं।।
शीतल चंचल हवा हिलोरे, तन मन को सिहराये।
कोयल कुहके डाल डाल पर ,भंवरे दिनभर गाएं।।
कुमुद कामिनी भई मतवाली, फूल फूल को चूम के।
चली बसंती हवा सुहानी, फागुन आया झूम के।
ब्रज की छटा अजब निराली ,कान्हा खेलें होरी।।
सखियों के संग राधा खेलें, भर भर के पिचकारी।
भक्ति रंग में रंगी हैं मीरा,प्रेम के रंग में राधा।।
हुलक हुलक देखें कान्हा को, बलिहारी हैं यशोदा।
रंग रंगीले अंबर धरती, नाचे घूम घूम के।।
चली बसंती हवा सुहानी, फागुन आया झूम के।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
मुझे छेड़ो ना इस तरह
मुझे छेड़ो ना इस तरह
Basant Bhagawan Roy
थक गये है हम......ख़ुद से
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
■ धन्य हो मूर्धन्यों!
■ धन्य हो मूर्धन्यों!
*प्रणय प्रभात*
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
चांद बिना
चांद बिना
Surinder blackpen
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
शायद आकर चले गए तुम
शायद आकर चले गए तुम
Ajay Kumar Vimal
इंसानियत
इंसानियत
Neeraj Agarwal
बचपन की अठखेलियाँ
बचपन की अठखेलियाँ
लक्ष्मी सिंह
नयन कुंज में स्वप्न का,
नयन कुंज में स्वप्न का,
sushil sarna
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारी है तू
नारी है तू
Dr. Meenakshi Sharma
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
रिश्ते
रिश्ते
Harish Chandra Pande
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
पुरानी क़मीज़
पुरानी क़मीज़
Dr. Mahesh Kumawat
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
3151.*पूर्णिका*
3151.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...