फागुन के दिन
सुन सखि,
फागुन के दिन आये !
ऋतु बसन्त का साथ लिए
ये फूल फूल मुस्काये !!
फूले टेशू लाल दहकते
सरसों, महुआ खूब महकते
सेमल ने अपनी छाया में
खुद नव सुमन बिछाये !
सुन सखि,
फागुन के दिन आये !!
तेंदू गमके पीले पीले
झरबेरी के बेर रसीले
देख पकी खट मिट्ठी इमली
मुँह में पानी आये !
सुन सखि,
फागुन के दिन आये !!
जाती सर्दी आती गर्मी
कुछ बादल लेकर बेशर्मी
बिन मौसम के दुखदायी बन
नीरव नभ में छाये !
सुन सखि ,
फागुन के दिन आये !!