फाँसी को थे चूमते
फांसी को थे चूमते, भारत मां के लाल।
वंशज आज उन्हीं के, मां को करें हलाल।।
याद करे हर वीर को, भारत देश महान।
मां के सच्चेे लाल वो, होते जो कुर्बान।
खुली हवा में साँस को,त्यागे ढेरों साँस।
साँसों के बलिदान से , मिली हमें ये साँस।।
जटाशंकर”जटा”
१५-०८-२०२०