Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

फ़ितरत

ठोकरें खा कर राहों में एक ज़न्नत, मैंने भी बनाई थी,
सुकून का आलम था जहां, हाँ बस थोड़ी तन्हाई थी।
मुद्दतों तक जलाया था खुद को, तभी तो बारिश आयी थी,
स्वाबलंबन और आत्मविश्वास से, भरी मेरी परछाई थी।
अपने बिखरे टुकड़ों को जोड़, प्रकाशपुंज की दीप्ती मैंने भी बनायीं थी,
और खुद को तराश कर, किस्मत अपनी फिर सजाई थी।
तू फ़िक्र का आडंबर ले आया, जिससे आँख मेरी भर आयी थी,
साजिशें मिथ्या प्रेम की करके, मेरे प्रकाश में सेंध लगाई थी।
कदम भटके मेरे क्यूँकि, मुझे घर की याद सतायी थी,
सर्वस्व समर्पित कर भी, मैं तेरी आशाओं पर, खड़ी उतर ना पायी थी।
जो फ़रेब दिखा तेरा, तब रूह मेरी घबराई थी,
तिरस्कार और धोखे की लड़ी जो तूने लगायी थी।
स्तब्ध रह गया अस्तित्व मेरा और, तेरे चरित्र को मैं ना समझ पायी थी,
बिखरी तो मैं पहले भी थी, पर अब खुद को समेटने की हिम्मत भी गवाँई थी।
तेरे स्वार्थ की पराकाष्ठा, मेरी संवेदनाओं से टकराई थी,
जब आघातों की सीमा टूटी, तो देखा ये प्रेम नहीं, बेबफ़ाई थी।
तेरी फ़ितरत तो ऐसी हीं थी, तुझे क्यों शर्म ना आयी थी,
उस विश्वास को तोड़ा तूने, जो सदियों बाद, मैं किसी पर कर पायी थी।

69 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़माने से खफा एक इंसान
ज़माने से खफा एक इंसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
अपने बच्चे की रक्षा हित,
अपने बच्चे की रक्षा हित,
rubichetanshukla 781
" सरहद "
Dr. Kishan tandon kranti
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उत्तर से बढ़कर नहीं,
उत्तर से बढ़कर नहीं,
sushil sarna
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
- तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ -
bharat gehlot
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
मंजिल की चाह
मंजिल की चाह
Anant Yadav
बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो
बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
हमने भी तुझे दिल से निकाल दिया
Jyoti Roshni
शु
शु
*प्रणय*
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
दर्द कहूं कैसे
दर्द कहूं कैसे
Er.Navaneet R Shandily
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
सपनों का ताना बना बुनता जा
सपनों का ताना बना बुनता जा
goutam shaw
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
कैसे सँवार लूं
कैसे सँवार लूं
हिमांशु Kulshrestha
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
Herons
Herons
Buddha Prakash
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
मतवाला मन
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
पूर्वार्थ
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...