Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

फ़ासला दरमियान

दिल में भी इत्मिनान रक्खेंगे ।
फासला दर्मियान रक्खेंगे ॥

आप की सोच मुखल्लिफ हम से।
हम भी इस का ध्यान रक्खेंगे ।।

वार तुम पर तो कर नहीं सकते ।
ख़ाली अपनी मियान रक्खेंगे ।।

दोस्तों की कमी नहीं होगी।
जितनी मीठी ज़बान रक्खेंगे ।।

कर के ख़ामोशियों में गुम खुद को ।
दिल का हम इम्तिहान रक्खेंगे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
7 Likes · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
संसार है मतलब का
संसार है मतलब का
अरशद रसूल बदायूंनी
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
तुलना करके, दु:ख क्यों पाले
Dhirendra Singh
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"हम किसी से कम नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
आजादी का पर्व
आजादी का पर्व
Parvat Singh Rajput
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
4897.*पूर्णिका*
4897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
gurudeenverma198
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
हिमांशु Kulshrestha
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख़ आबले 'अकबर'
Dr Tabassum Jahan
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
शेखर सिंह
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दोहा
दोहा
*प्रणय*
जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
यह जीवन
यह जीवन
surenderpal vaidya
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
पूर्वार्थ
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
उनको असफलता अधिक हाथ लगती है जो सफलता प्राप्त करने के लिए सह
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
Loading...