“फर्ज”
हार गया कोई,कोई अभी भी लड़ रहा है।
ये संघर्ष की दीवार हर कोई चढ़ रहा है।
ना गम की तोल,ना खुशी की नाप है।
हर इंसान अपने फ़र्ज़ में, आगे बढ़ रहा है।
हार गया कोई,कोई अभी भी लड़ रहा है।
ये संघर्ष की दीवार हर कोई चढ़ रहा है।
ना गम की तोल,ना खुशी की नाप है।
हर इंसान अपने फ़र्ज़ में, आगे बढ़ रहा है।