Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2020 · 2 min read

फ़र्क (लघुकथा)

फ़र्क-
मेधा को अपने मायके से आए हुए अभी एक घंटा ही हुआ था कि फोन की घंटी बजी।मेधा ने फोन उठाया-हैलो, कौन?उधर से आवाज़ आई,बहू मैं आपकी सास की सहेली राधा आंटी बोल रही हूँ।
मेधा – नमस्ते आंटी, और आप कैसी हैं?
राधा- मैं बिल्कुल ठीक हूँ,पर तुम्हारी सास की तबियत ठीक नहीं है।सुबह ही उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया है।सोचा तुम्हें बता दूँ। तुम्हारी सास तुम दोनों को और अपने पोते को बहुत याद कर रही हैं।
मेधा- धन्यवाद आंटी।बहुत अच्छा किया जो आपने बता दिया।मैं माँ जी से मिलने अवश्य आऊँगी।आखिर उनका हम लोगों के अलावा है ही कौन।
राधा- ठीक है बहू।मैं तुम्हारी सास को बता देती हूँ।
शाम को चार बजे मेधा अपने पति और बेटे के साथ अस्पताल अपनी सास से मिलने पहुँची।अस्पताल में उसे राधा आंटी भी मिली।राधा- बहुत अच्छा किया बहू जो तू आ गई।तुम लोगों को बहुत याद कर रही थीं। लगभग एक घंटा अस्पताल में रुकने के बाद मेधा ने कहा, अच्छा आंटी , अब चलती हूँ। बहुत थकी हुई हूँ। आज सुबह ही मम्मी के घर से आई थी।उनकी भी तबियत बहुत खराब थी,इसलिए एक सप्ताह वहाँ लग गया।भाई तो अमरीका में सर्विस करता है । वह तो आ नहीं सकता था।मुझे ही उनकी देखभाल करनी थी ।पर माँ जी की तबियत खराब होने का समाचार आपने दिया तो अपने आपको रोक नहीं पाई।थकी होने के बावजूद आ गई।सोचा , लोग कहेंगे कि अपनी मम्मी की तबियत खराब थी तो एक हफ्ता रुक कर आई लेकिन सास को देखने भी नहीं गई।
राधा ने सुना स्तब्ध रह गई और बोलीं- बहू समय मिले तो फिर देखने आ जाना।ज़िन्दगी का क्या भरोसा?

Language: Hindi
486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
मेरी यादों में
मेरी यादों में
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बिन मौसम.., बरसे हम।
बिन मौसम.., बरसे हम।
पंकज परिंदा
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
.
.
*प्रणय*
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
Neelofar Khan
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
पूर्वार्थ
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
Ashwini sharma
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
साथ था
साथ था
SHAMA PARVEEN
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बेसहारा दिल
बेसहारा दिल
Dr. Rajeev Jain
उलझनों से भरी इस दुनिया में
उलझनों से भरी इस दुनिया में
Ranjeet kumar patre
राजनीती
राजनीती
Bodhisatva kastooriya
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Cá độ qua 188bet.com, 64 bị cáo hầu tòa
Cá độ qua 188bet.com, 64 bị cáo hầu tòa
Cá độ qua 188bet.com
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
Sanjay ' शून्य'
ବାଉଁଶ ଜଙ୍ଗଲରେ
ବାଉଁଶ ଜଙ୍ଗଲରେ
Otteri Selvakumar
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
स्वतंत्र ललिता मन्नू
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
Loading...