फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
बिछड़ के तुमसे परेशनियों से मिल गये हैं
न जाने हाल मेरी सलतनत का क्या होगा
मिरे वज़ीर मेरी रानियों से मिल गये हैं
हमें तो खुद से भी मिलना मुहाल होता है
तुम्हें तो हम बड़ी आसनियों से मिल गये हैं
ऋतुराज वर्मा