फलसफ़ा
फलसफ़ा
जिंदगी का है यही
लिखी जो इबादत,
पैग़ाम हो, सच हो –
या इश्क़ का हो
इज़हार सागर की
रेत पर
मिटा देतीं है वज़ूद
लहरें एक पल में
फलसफ़ा
जिंदगी का है यही
लिखी जो इबादत,
पैग़ाम हो, सच हो –
या इश्क़ का हो
इज़हार सागर की
रेत पर
मिटा देतीं है वज़ूद
लहरें एक पल में