फर्क नही पड़ता
उसका गम कम है पर मेरा भी तो है।
उसकी आंखें नम हैं पर मेरी भी तो है।।
जब साथ रहने वाले से पूछा सभी ने।
मुस्कुरा कर बोला कुछ फर्क नही पड़ता।।
सुख में सारे साथी पर दुख में भी बनो तो।
किसी के लिए फरिश्ता नही इंसान बनो तो।।
अपने लिए न सही पर समाज के लिए जुड़ो तो।
मुस्कुरा कर बोला कुछ फर्क नही पड़ता।
वीर कुमार जैन ‘अकेला’