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13 Sep 2022 · 1 min read

पढ़वा लो या लिखवा लो (शिक्षक की पीड़ा का गीत)

जो तुम चाहो, करवा लो ।
पढ़वा लो या लिखवा लो ।

मेहनत का पैसा मिलता है,
मेहनत तो करनी ही होगी ।
जो इच्छा हो राजकाज की,
इच्छा वो भरनी ही होगी ।

उल्टा-सीधा,आड़ा-तिरछा,
जोड़ जो चाहो,लगवा लो ।

अँगुलियाँ टिक – टिक
कर देंगे कम्प्यूटर पर ।
डाक बनाकर भिजवा
देंगे आला – दफ़्तर ।

निर्वाचन हो या हो सर्वे,
कमर हमारी कसवा लो ।

खाते खुलवा,बना आई-
डी लिंक कराएँगे आधार ।
जो भी आदेश आपका,
सर – मत्थे होगा साभार ।

झोला छाप डॉक्टर जैसा,
गली-गली में फिरवा लो ।

बच्चे पढ़ते राम – भरोसे,
इसकी फिक्र कौन करता ?
बच्चे बढ़ते राम – भरोसे,
इसका ज़िक्र कौन करता ?

बिन केवट की टूटी नैया,
डुबवा दो या तरवा लो ।

निपुण बनाएँगे भारत को,
प्रतिबद्धित हैं,संकल्पित हैं ।
जो हो,जब हो,जैसा भी हो,
हर प्रयोग से संयोजित हैं ।

रीती गागर जिज्ञासा की,
भरवा लो या फुड़वा लो ।

इतना बड़ा विश्वसागर है,
हम लघु – टीचर – मीचर ।
साफ करेंगे तट-घाटों को,
छुटा काई औ’ कीचर ।

बँधे हुए कोल्हू से नाटे,
जितना चाहे जुतवा लो ।

जो तुम चाहो , करवा लो ।
पढ़वा लो या लिखवा लो ।
००००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी ।

Language: Hindi
Tag: गीत
13 Likes · 20 Comments · 628 Views
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