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6 Jul 2023 · 4 min read

प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी

भौतिकवादिता के इस दौर में अधिकतर लोग अपने हितों को साधने में लगे हुए हैं। दरअसल आज के दौर में लोग अवसरवादी हो गए हैं। अपने हितों की पूर्ति के लिए वे दूसरों को हानि पहुंचाने से भी नहीं चूकते। यहीं वजह है कि समाज में आज चहुंओर विसंगतियों का आधिपत्य हो गया है। आज निस्वार्थ भाव से सामाजिक और लोकहित के कार्य करने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। स्वार्थ भरे इस माहौल में पानीपत के देशबंधु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय में बतौर प्राध्यापक कार्यरत प्रो.दलजीत कुमार पर्यावरण संरक्षण की राह पर पूरी तन्मयता से अग्रसर हैं। दैनिक कार्यों से निवृत होकर प्रो. दलजीत कुमार खाली बचे समय का सदुपयोग वृक्षारोपण तथा जनकल्याण के कार्यों के लिए ही करते हैं। दरअसल दलजीत कुमार को वृक्षारोपण का शौक बचपन से ही रहा है। इनका यह शौक अब एक अभियान का रूप ले चुका है। पर्यावरण संरक्षण तथा वृक्षारोपण के इनके कार्यों को देखते हुए इन्हें कई संस्थाएं ग्रीन मैन की उपाधि से भी सम्मानित कर चुकी हैं।

विद्यार्थियों को समझाया पर्यावरण स्वच्छता का महत्व-

प्रो.दलजील कुमार ने जब अपनी वृक्षारोपण मुहिम से कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा उन्हें पर्यावरण स्वच्छता एवं संरक्षण का महत्व बताया तो सैंकड़ों विद्यार्थी स्वेच्छा से इनकी इस मुहिम से जुड़ गए।अपने कॉलेज के विद्यार्थियों का सहयोग पाकर प्रो.दलजीत कुमार के पौधारोपण अभियान को मानों पंख लग गए। इसके बाद प्रो.दलजीत कुमार ने विद्यार्थियों की सहायता से कॉलेज परिसर तथा आस-पास के गांवों में निजी खर्च से हजारों वृक्ष रोपित कर दिए। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रो.दलजीत कुमार निरंतर प्रयासरत रहते हैं।

“वृक्षमित्र” समूह का किया गठन :-

वृक्षारोपण को अपने जीवन का विशेष अभियान बना चुके दलजीत कुमार वृक्षमित्र समूह का गठन कर वृक्षारोपण के इस महाअभियान को गति प्रदान करने में तल्लीनता से से जुटे हुए हैं। वृक्ष मित्र समूह के प्रभारी दलजीत कुमार का मानना है कि वृक्ष ही मनुष्य के सबसे अच्छे मित्र है इसलिए उनका संरक्षण आवश्यक है। दलजीत कुमार कहते हैं कि वृक्षों की कमी से प्रकृति में पारिस्थितिकी असंतुलन के हालात पैदा हो गए हैं। वृक्षों की लगातार कटाई से पर्यावरण को ” काफी क्षति पहुंची है। जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अगर मानव जाति पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुई तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

विशेष अवसरों पर करते हैं पौधारोपण:-

प्रो. दलजीत कुमार विशेष अवसरों पर वृक्ष लगाना नहीं भूलते | फिर चाहे वह इनकी शादी की वर्षगांठ हो अथवा इनका जन्मदिन। इनकी इस मुहिम से प्रेरणा पाकर कॉलेज के सभी विद्यार्थी तथा स्टॉफ सदस्य भी विशेष अवसरों पर वृक्षारोपण अभियान में अवश्य हिस्सा लेते हैं। पर्यावरण बचाओं अभिमान के तहत प्रो. दलजीत कुमार जहां स्वयं ”असंख्य’ पौधे रोपित कर चुके हैं वहीं विभिन्न जगहों पर सेमिनार करके वे लोगों को पर्यावरण का महत्व समझा चुके हैं। प्रो.दलजीत कुमार ने अपने निजी खर्च से पानीपत के देशबंधु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय में महाविद्यालय का एक भी पैसा खर्च कराए बिना अपने निजी कोष से हर्बल बाटनिकल गार्डन का निर्माण किया है।यह हर्बल बाटनिकल गार्डन जहां शहरवासियों को जीवनदायिनी प्राणवायु प्रदान कर रहा है वहीं यह अनेक बेजुबान पक्षियों का रैनबसेरा भी बन चुका है।
स्वच्छता अभियान के बने सारथी :-

प्रो. दलजीत कुमार प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से भी खासे प्रभावित हैं।वह संपूर्ण स्वच्छता अभियान से लोगों को निरंतर जोड़ रहे हैं। दलजीत कुमार लोगों को स्वच्छता की महत्ता भी बखूबी समझा रहे हैं। क्षेत्र को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए भी प्रो. दलजीत कुमार सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। प्रो. दलजीत कुमार लोगों को पॉलीथिन की जगह कागज या जूट बैग अपनाने की सही सलाह देते हैं। क्योंकि पॉलीथिन हजारों वर्षों तक खत्म नहीं होती तथा पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचाती है। जबकि कागज तथा जूट बैग जल्दी ही खत्म हो जाते हैं तथा ये किसी श्री प्रकार से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

क्षेत्रीय इतिहास पर शोध :-

प्रो. दलजीत कुमार इतिहास के प्राध्यापक हैं। इतिहास में गहन रूचि के कारण ही प्रो.दलजीत कुमार “क्षेत्रीय इतिहास” पर लगातार शोध कार्य करते रहते हैं। ऐतिहासिक शोधों पर इनके पन्द्रह शोध पत्र राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. दलजीत कुमार का मानना है कि इतिहास- त्रुटियों से अटा पड़ा है। इतिहास की बारीकियों को समझ कर तथा शोध कार्यों द्वारा ही इतिहास की त्रुटियों की सुधारा जा सकता है।

गरीब विद्यार्थियों की मदद:-

प्रो. दलजीत कुमार गरीब विद्यार्थियों की मदद के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं उन्हें किताबें तथा शिक्षा से जुड़ी अन्य आवश्यक वस्तुएं भी प्रो. दलजीत कुमार अपने निजी कोष से ही उपलब्ध कराते हैं। पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को भी वह अलग से निशुल्क ट्यूशन पढ़ाते हैं ताकि कमजोर विद्यार्थी भी पढ़-लिखकर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।

कई बार हो चुके हैं सम्मानित :-

अपनी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रो. दलजीत कुमार कई बार सम्मानित हो चुके हैं। जहाँ क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति इन्हें विशिष्ट अवसरों पर सम्मानित कर चुके हैं वहीं कई निजी संस्थाएं भी इन्हें इनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित कर चुकी हैं। प्रो.दलजीत कुमार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए कर्नाटक डेकन इनवायरमेंटल रिसर्च आर्गेनाइजेशन इन्हें “बेस्ट इन्वायरमेंटलिस्ट अवार्ड” 2020 से सम्मानित कर चुकी है। इसके अतिरिक्त इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड पानीपत इकाई भी प्रो.दलजीत कुमार के पर्यावरण संरक्षण के कार्यों से प्रभावित होकर इन्हें बेस्ट एनवायरमेंटलिस्ट अवार्ड 2023 से सम्मानित कर चुकी है। निरंतर मानव भलाई के कार्यों में तल्लीन रहने वाले प्रो. दलजीत कुमार का कहना है कि मानव प्रजाति की भलाई के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिएं।

नसीब सभ्रवाल “अक्की”
गांव बाँध ,तहसील-इसराना,
पानीपत: 132107 हरियाणा ।
Mo no.-9716000302

Language: Hindi
Tag: Article
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