प्रोत्साहन
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी के बादल में इंद्रधनुष बनने की कोशिश करें,यानी दूसरों के कामों को भी प्रोत्साहन दिया करें और यथासंभव हर किसी की मदद का प्रयास किया करें…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सकारात्मक होना /आशावादी होना खुशियों को खींचने वाला चुंबक है, अगर आप सकारात्मक बने रहेंगे, तो अच्छी चीजें और अच्छे लोग आपकी तरफ खीचें चले आएगें…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में जितना ज्यादा हो सके प्रकृति(पेड़ -पौधे -झरने -पहाड़ -तालाब आदि ) के करीब रहें-निहारें -बातचीत करें -प्रकृति की सुंदरता को नमस्कार करें-आकाश में टिमटिमाते सितारों को देखें, और खुद को उनके साथ दौड़ते हुए देखें…कुछ दिनों बाद परिवर्तन महसूस करें …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की चमत्कार केवल उन लोगों के साथ ही होते हैं जो अपना पूर्ण समर्पण अपने इष्ट -सतगुरु को कर चुके होते हैं …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान