प्रेम
बहुत सहजता से
तुम्हारे थरथराते हाथों को
थाम लेना..
तुम्हारी नज़दीकियों से अपने
सपने रच देना!
और
तुम्हारी हर आहट पर..
अपनी असंयत धड़कनों को
सॅंभालना!
कितना अद्भुत है न साथी..
यूॅं प्रेम को सॅंवारना!
स्वरचित
रश्मि लहर
बहुत सहजता से
तुम्हारे थरथराते हाथों को
थाम लेना..
तुम्हारी नज़दीकियों से अपने
सपने रच देना!
और
तुम्हारी हर आहट पर..
अपनी असंयत धड़कनों को
सॅंभालना!
कितना अद्भुत है न साथी..
यूॅं प्रेम को सॅंवारना!
स्वरचित
रश्मि लहर