प्रेम
जब से बीता प्रेम का फागुन बन गया देख फ़क़ीरा
रह गई ऊँगली में वो अँगूठी खो गया उसका हीरा।
प्रेम प्रेम सब कोई कहै पर प्रेम ना चिन्है कोई
लाख टके की और पते की कह गए बात कबीरा।
Johnny Ahmed ‘क़ैस’
जब से बीता प्रेम का फागुन बन गया देख फ़क़ीरा
रह गई ऊँगली में वो अँगूठी खो गया उसका हीरा।
प्रेम प्रेम सब कोई कहै पर प्रेम ना चिन्है कोई
लाख टके की और पते की कह गए बात कबीरा।
Johnny Ahmed ‘क़ैस’