प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
मुक्तक
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
रात में दिन में सपनों में आता वही।
कोशिशें लाख कीं नाम उसका न लें,
पर जुबां क्या करे आ ही जाता वही।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
रात में दिन में सपनों में आता वही।
कोशिशें लाख कीं नाम उसका न लें,
पर जुबां क्या करे आ ही जाता वही।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी