प्रेम हायकु
१ पुछ रहे वो
दिल का हाल युं ही
दर्द देकर ।
२ आगाज़ सुना
दिल के अंज़ाम का
सुना न गया ।
३ मुझ से बाँधी
प्रित की ढिली डोरी
तुमने तोड़ी ।
४ दिल दरिया
बुझी सबकी प्यास
खुद प्यासा ।
५ दिल दरिया
लगे गोते हजार
कोई न डुबा ।
६ सदा थी आई
मुसाफिर पे नैन
दिल बेचैन ।
७ मन गागर
भरकर छलके
प्रेम सागर ।
८ ठग लेते हैं
आँखें मिला वो ॰ झुका
लूट लेते हैं ।
९ हद न देखे
नज़र का दायरा
पसंद जो आए ।
१० जान पे बनी
देख तो कुछ देर
आँखें न फेर ।