Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2023 · 2 min read

प्रेम स्मृति

मेरी स्मृतियों में हो तुम,
मैं तुम्हें भुला दूँगा कैसे?
अपनी यादों की तिलांजलि,
बोलो आखिर दूँगा कैसे ?
जो साथ तुम्हारे बीते थे,
वो पल अब भी हैं याद मुझे,
तेरे मेरे जो बीच हुए थे,
मौन-मौन संवाद, मुझे ।
मेरे जीवन के संग्रह में,
वो कविता थी सबसे महान,
जिसको संगीत बनाया था –
तुमने दी उसको मधुर तान ।
स्मृतियों की रेखाओं में से
कुछ रेखा हट जाती हैं ।
पर कुछ रेखाएँ ऐसी हैं ,
जो उभर-उभर फ़िर आती हैं।
तुम भी वैसी ही रेखा हो,
जो अमिट और बलशाली है ।
लेकिन उस रेखा की आगे वाली
पंक्ति अब खाली है ।।
अब नहीं बचा है कुछ भी तो,
अपना सब कुछ तो बीत गया ।
जबसे वो चला गया तबसे
लगता मधुमय संगीत गया ।
आख़िर मेरे कारण ही सब,
पीछे पीछे ही छूट गया ।
जो कभी बनाया था हमने,
लगता है, वो घर, टूट गया ।
मैं रहा निरर्थक, बेबस-सा ,
मैंने ही बंधन तोड़ दिया ।
मैंने ही तुमको बीच भँवर में,
निस्सहाय सा छोड़ दिया ।
फ़िर निष्ठुर-सा बनकर के मैं,
चलता ही चला गया पथ पर ।
तुमको मैं छोड़ युद्घ भूमि में
जा बैठा शांति से रथ पर ।।
तुम छूट गईं, सब छूट गया,
वो चीज़ नहीं फ़िर से आईं,
माना कुछ बचा नहीं था पर‐
यादें तो नहीं छूट पाईं ।।
वो स्मृति फ़िर से आज मुझे,
रह रहकर के तड़पातीं हैं ।
झकझोर डालतीं हैं मुझको,
आँखों से अश्रु बहाती हैं ।।
लेकिन फ़िर भी मैं यादों से ,
बिल्कुल भी घृणा नहीं करता ।
मैं अश्रु बहा लेने से तो
बिल्कुल भी डरा नहीं करता ।।
कुछ और नहीं, बस यादें हैं,
वो भी विनष्ट हो जाएंगी ।
तो फ़िर कैसे वो मुझे तुम्हारी
मधुर याद दिलवायेंगी ।।
सब नष्ट हो गया, तो क्या है,
स्मृतियों को तो रहने दो ।
मिलने का सुख ना मिल पाया,
बिछुड़न का दुःख ही सहने दो ।।

1 Like · 193 Views

You may also like these posts

विरह व्यथा
विरह व्यथा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
🌸साहस 🌸
🌸साहस 🌸
Mahima shukla
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
Ajit Kumar "Karn"
आगाज़
आगाज़
Vivek saswat Shukla
मैं क्या हूं
मैं क्या हूं
Priya Maithil
परछाईं (कविता)
परछाईं (कविता)
Indu Singh
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★HAPPY BIRTHDAY SHIVANSH BHAI★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
भोर
भोर
Omee Bhargava
Zindagi
Zindagi
Naushaba Suriya
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
#ਪੁਕਾਰ
#ਪੁਕਾਰ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
🇮🇳मेरा देश भारत🇮🇳
Dr. Vaishali Verma
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब
मेरे बस में नहीं मेरे जज्बात हैं अब
Jyoti Roshni
सफर
सफर
Sneha Singh
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
श्रीकृष्ण शुक्ल
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
खोटा सिक्का....!?!
खोटा सिक्का....!?!
singh kunwar sarvendra vikram
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मतलब अब हमको तुमसे नहीं है
मतलब अब हमको तुमसे नहीं है
gurudeenverma198
वो सड़क का मोड़
वो सड़क का मोड़
सुशील भारती
4294.💐 *पूर्णिका* 💐
4294.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"सांप-संपोलों से
*प्रणय*
Loading...