प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
ग़ज़ल
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प्रेम सच्चा अगर नहीं होता ।
राधे कृष्णा अमर नहीं होता।।
रासलीला रचायें जग में पर ।
नाम राधे मगर नहीं होता।।
धड़कनों में बसे है राधा के ।
फिर हो दूरी असर नहीं होता ।।
चांद फीका लगे गगन में जो।
चांदनी साथ गर नहीं होता ।।
नींद बैरन हुई सनम मेरी ।
जिंदगी भी बसर नहीं होता ।।
पास रख लो न अब धड़कनों के ।
मेरा दिल बेसबर नहीं होता ।।
हमसफ़र थमते नहीं ज्योटी ।
पार मुश्किल सफ़र नहीं होता ।।
ज्योटी श्रीवास्तव jyoti Arun Shrivastava
अहसास ज्योटी 💞 ✍️