प्रेम में त्याग
प्रेम पाने का नहीं
त्याग का नाम है
मिल गए महबूब
लाखों को यहां
उनको कोई भी
जानता नहीं है
रह गए जो किस्से
अधूरे प्रेम के
किया जिन्होंने
बड़ा त्याग प्रेम में
सब उनको जानते है
लैला मजनूं, हीर रांझा
को सब मानते हैं
मिल गए कृष्ण
रुकमणी को लेकिन
राधा कृष्ण का नाम
आज भी हर ज़ुबान
पर हर पल रहता है
किया त्याग राधा ने जो
वही प्रेम का रूप
सबको निराला लगता है
प्रेम त्याग के बिना
बहुत अधूरा लगता है।