प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जिये गए प्रेम को तो शायद अब तक कथाओं में उतारा भी नहीं जा सका है। लेकिन कोई दीवाना कभी न कभी ज़रूर आएगा और इन प्रेम-कथाओं को भी शब्द देगा। मगर तब तक कुछ और नई कथाएँ जन्म ले चुकी होंगी। इस तरह धरती पर प्रेम को जीने वाले और प्रेम को कहने वाले कभी कम न होंगे।
—पल्लवी त्रिवेदी / ‘ज़िक्रे यार चले : Love notes’ किताब से