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6 Oct 2024 · 1 min read

प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों

प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों का अपना महत्व है जो जाग गया वो दोनों के पार चला जाता है। –
रविकेश झा।

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