Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Sangeeta Beniwal
34 Followers
Follow
Report this post
11 Jul 2022 · 1 min read
प्रेम चिन्ह
लो ……
कदम पीछे कर लिए
तेरी मन देहरी से
मगर निशां ! …
निशां का क्या….?
(संगीता बैनीवाल)
Language:
Hindi
Tag:
कोटेशन
Like
Share
6 Likes
·
3 Comments
· 523 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
👍आज का एलान👍
*प्रणय*
तू लाख छुपा ले पर्दे मे दिल अपना हम भी कयामत कि नजर रखते है
Rituraj shivem verma
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ओसमणी साहू 'ओश'
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
manjula chauhan
प्रभु राम अवध वापस आये।
Kuldeep mishra (KD)
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"" *हे अनंत रूप श्रीकृष्ण* ""
सुनीलानंद महंत
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
।।श्री सत्यनारायण व्रत कथा।।प्रथम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लगाव
Arvina
देश का वामपंथ
विजय कुमार अग्रवाल
रिश्तों की आड़ में
Chitra Bisht
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्संग शब्द सुनते ही मन में एक भव्य सभा का दृश्य उभरता है, ज
पूर्वार्थ
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Agarwal
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
" मकड़जाल "
Dr. Kishan tandon kranti
पर्वतों से भी ऊॅ॑चा,बुलंद इरादा रखता हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
Sonam Puneet Dubey
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
Sunil Maheshwari
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
2872.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...