*******प्रेम-गीत******
*******प्रेम-गीत******
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लबों पर तेरा नाम है,
सुबह से ले कर शाम है,
हुआ दिल पागल मस्ताना,
पल भर चैन ना आराम है।
चाँद तारे सारे लुटा दूँ,
फूलों को गेसू में सजा दूँ,
प्यार हो गया सरेआम है।
पलभर चैन ना आराम है।
चाहूँ कितना कैसे बताऊँ,
नींद ना आए सो ना पाऊँ,
ख्यालों में खोना आम है।
पलभर चैन ना आराम है।
ख्वाबों की है तू शहजादी,
दर खड़ा तुम्हारे फरियादी,
प्रेम का दे दिया पैगाम है।
पलभर चैन ना आराम हैं।
नैनो में छाया रहता नशा,
तुम बिन रहूँ मै कैसे बता,
मय से भर हुआ जाम है।
पलभर चैन ना आराम है।
मनसीरत की है जाने जहां,
यहाँ वहाँ ढूंढूँ तेरे निशां,
दिल का नगर मेरा धाम है।
पलभर चैन ना आराम है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)