Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

प्रेम का तोहफा

* प्रेम का तोहफा

अतुलित अनुपम प्रिय अनामिका।
प्रियतम की अति दिव्य राधिका।।
उर्मिल स्नेहिल सुन्दर आनन।
प्रीति सार मोहक शिव आँगन।।

रहिए पास हमेशा प्यारे।
हे अनामिका!मधुरिम तारे।।
तुझ सा यहाँ न कोई जग में।
प्यार भरा तेरे रग-रग में।।

प्यार भरे शब्दों को बोलो।
प्रियतम के मुँह में रस घोलो।।
एक ब्रह्ममय रूप दिखे अब।
आयेगा आनंद सकल तब।।

आएगी खुश ले कर प्याला।
सहज पिलायेगी मधु हाला।।
साकी साथी प्रिय अनामिका।
सदा लगेगी प्रेम साधिका।।

प्रियतम कहता मधुर वचन है।
बिन अनामिका नहीं सृजन है।।
है अनामिका कोमल भावन।
भव्य मोहिनी सुघर लुभावन।।

कहीं न जाना हर पल रहना।
प्रेमिल प्रतिमा बनकर दिखना।।
मुस्कानों से जी भर देना।
नित उमंग बन दुख हर लेना।।

प्रियतम संग हमेशा खेलो।
घूंघट के पट अब प्रिय खोलो।।
प्रियतम तेरे खड़ा द्वार है।
प्रेम तत्व अनमोल प्यार है।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी

1 Like · 38 Views

You may also like these posts

बड़ि मुद्दति अरचन ते पाइयो
बड़ि मुद्दति अरचन ते पाइयो
श्रीहर्ष आचार्य
पीत पात सब झड़ गए,
पीत पात सब झड़ गए,
sushil sarna
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
परीक्षा से वो पहली रात
परीक्षा से वो पहली रात
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
*चलती सॉंसें मानिए, ईश्वर का वरदान (कुंडलिया)*
*चलती सॉंसें मानिए, ईश्वर का वरदान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
समंदर की बांहों में नदियां अपना वजूद खो,
समंदर की बांहों में नदियां अपना वजूद खो,
पं अंजू पांडेय अश्रु
"पता चला"
Dr. Kishan tandon kranti
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बचपन
बचपन
Sakhi
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
हँसती है कभी , रुलाती भी है दुनिया।
हँसती है कभी , रुलाती भी है दुनिया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
Adha Deshwal
नई कविता
नई कविता
सरिता सिंह
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
पूर्वार्थ
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
Rj Anand Prajapati
मनोरंजन
मनोरंजन
Sudhir srivastava
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
Sonam Puneet Dubey
ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
Shekhar Chandra Mitra
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
Shreedhar
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
Keshav kishor Kumar
■ एक और शेर ■
■ एक और शेर ■
*प्रणय*
इल्जामों के घोडे
इल्जामों के घोडे
Kshma Urmila
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
bharat gehlot
रामायण सार 👏
रामायण सार 👏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...