“प्रेम का जोड़”
जमाने में घुटन होने लगी थी,
मैं मर रहा था,उदासियों के बीच।
तेरे साथ रहने से एक हौसला मिला,
प्रेम का जोड़ हुआ,दो राशियों के बीच।।
मेरी अजा को पहचान लिया,
गुमसुम था,तमाम साजिशों के बीच।
खुद को खोलता कैसे,
मैं तड़प रहा था,सियासितों के बीच।।
@निल(सागर मध्य प्रदेश)