प्रेम अमर अपना कर दूँ
आँखों के आंसू सुख गए,
तेरी यादो में हम टूट गए
मैं तो तुमसे प्रेम किया था,
कोई ना मैं गुनाह किया था,
पूनम का यह चन्द्र बताये,
रात अमावस का तड़पाये,
साथ हमारा पा जाती तुम,
कुछ देर अगर रुक जाती तुम,
प्रेम हमारा मिल जाता तुमको,
संग तुमारा मिल जाता हमको,
सब श्रृंगार से तुमको सजाता,
मांग में तेरे सिन्दूर लगता ,
ले आता डोली बनाके दुल्हन ,
देता तुमको प्यार का गुलशन,
प्रेम सदा तुमको मैं करता ,
जीवन में खुशिया भर देता,
समझ ना पाई प्रेम को मेरे,
जी ना सकूँ अब बिन मैं तेरे,
विरह वेदना से घायल हूँ,
तेरी जुदाई से आहत हूँ,
अब तो जहर को पीना पड़ेगा ,
पास तुमारे आना पड़ेगा ,
तुम बिन कैसे जी पाऊंगा,
गम का जहर पी मर जाऊंगा,
पास तुमारे आकर के मैं ,
प्रेम अमर अपना कर दूँ मैं,