प्रेमी युगल
प्रेमी युगल
सावन की बहारे,
खुशियों की सहारे।
खुशबू महके ,
जीवन में प्यारे।
मौसम की नजारे,
मस्ती की बौछारें।
यौवन में डूबे,
प्रेमी युगल सारे।
आया सावन ,
मिलन हमारे।
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार छ.ग.
Mo 8120587822