प्रीत
लिखबो पढ़बो आयो,बैठ्यो थारे संग।
भैजा रै सगळे भेदा,और निकळगी जंग।
लेखणी नै माण मिल्यो,स्वम मिल्यो छै प्रीत।
कृष्ण ळिख अर्चणा करै,गाता रहो थै गीत।
✍कृष्ण सैनी(विराटनगर)
??????
लिखबो पढ़बो आयो,बैठ्यो थारे संग।
भैजा रै सगळे भेदा,और निकळगी जंग।
लेखणी नै माण मिल्यो,स्वम मिल्यो छै प्रीत।
कृष्ण ळिख अर्चणा करै,गाता रहो थै गीत।
✍कृष्ण सैनी(विराटनगर)
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